लेकिन मिसिरा जी, इ बात समझ मे नही आयी कि आप रिक्शा चलाते चलाते फोटो कैसे खींच लेते है?...हीहीही..
फोटो अच्छा है, जब आगे पूरे केले खा ले, तो खाली फ्रेम का फोटो खींचना और शीर्षक रखना "गाय और हरे केले" फिर कोई पूछे कि इसमे केले कहाँ तो कहना गाय खा गयी, और गाय? तो कहना केले खाकर चली गयी....पुराना जोक है ना?
4 comments:
लेकिन भाई आपकी नजर क्या पके हुये केलों पर पर थी :)
लेकिन मिसिरा जी, इ बात समझ मे नही आयी कि आप रिक्शा चलाते चलाते फोटो कैसे खींच लेते है?...हीहीही..
फोटो अच्छा है, जब आगे पूरे केले खा ले, तो खाली फ्रेम का फोटो खींचना और शीर्षक रखना "गाय और हरे केले" फिर कोई पूछे कि इसमे केले कहाँ तो कहना गाय खा गयी, और गाय? तो कहना केले खाकर चली गयी....पुराना जोक है ना?
प्रभात जी, बिलकुल सही अपनी नज़र वहीं होती है।
और चौधरी जी चुट्कुला पढ़्कर हम हंस लिये यही काफ़ी है।
बहुत ही सही मौके पर खीचा आपने यह चित्र. इस तरह के आकस्मिक घटनाओं के छायाचित्रों का अपना ही अलग मजा है -- शास्त्री जे सी फिलिप
मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार !!
Post a Comment